कई राज्यों का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी हरिद्वार की एक सोसाइटी में सिख बनकर रह रहा था। वह लेडी डॉन अनुराधा चौधरी उर्फ मैडम मिंज के साथ पति-पत्नी के तरह रहा था। दोनों ही अपना नाम बदला हुआ था। सोसाइटी में ये करीब आठ महीने रहे थे। सोसाइटी के लोगों से इनका काफी मिलना-जुलना था। अपने शूटर के गिरफ्तार होने के बाद ये हरियाणा चला गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम जल्द ही हरिद्वार उनके फ्लैट में तलाशी लेने जाएगी। पुलिस ये पता करेगी कि इनको फ्लैट किसने दिलवाया और कौन इनकी सहायता कर रहा था।
स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरिद्वार की काला जठेड़ी एक सोसाइटी में ये करीब आठ से नौ महीने सिख बनकर रहा था।
दिल्ली पुलिस ने जब इसे सहारनपुर से गिरफ्तार किया उस समय भी ये सिख की भेषभूषा में था। सोसाइटी में दोनों की अपना नाम बदला हुआ था। संदीप ने अपना नाम पुनीत भल्ला व अनुराधा ने पूजा भल्ला रखा हुआ था। बताया जा रहा है कि ये सोसाइटी के लोगों से काफी घुल-मिल गए थे। काउंटर इंटेलीजेंस ने जब काला जठेड़ी के आखिरी मुख्य शूटर नीतिश उर्फ प्रधान को गिरफ्तार किया तो इसे लगा कि नीतिश पुलिस पूछताछ में उसका हरिद्वार का पता पुलिस को बता सकता है।
ऐसे में इसने करीब 20 दिन पहले हरिद्वार से निकलकर अंबाला पहुंच गया। अंबाला से जब ये वापस सहारनपुर जा रहा था उस समय दिल्ली पुलिस ने उसे दबोच लिया। ये यूपी में अपना ठिकाना बनाने जा रहा था। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी ने उत्तर प्रदेश में ज्यादा वारदातों को अंजाम नहीं दिया था। काला जठेड़ी मोबाइल का इस्तेमाल तो कर रहा था, मगर वह मोबाइल बार-बार बदल लेता था। अनुराधा भी अपना मोबाइल बदल लेती थी।
काला जठेड़ी ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसने गिरोह के सभी सदस्यों को बोल रखा था कि अगर पुलिस उन्हें पकड़ ले तो वह उसके बारे में बताए कि वह थाईलैंड भाग गया है और बैंकाक में है। पुलिस गिरफ्त में आने वाले सभी सदस्य यही बताते थे। हालांकि स्पेशल सेल ने कई महीने पहले ये पता लगा लिया था कि काला जठेड़ी भारत में ही है और वह जल्दी-जल्दी अपना ठिकाना बदल लेता है।
कम्युनिकेशन का काम करते थे विदेश में बैठे साथी
काला जठेड़ी के कई साथी विदेश में हैं। फर्जी पासपोर्ट पर विदेश गया वीरेन्द्र प्रताप बैंकाक में है। पुलिस ने उस पर दो लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है। सतेन्द्र जीत उर्फ गोल्डी बरार कनाडा में है। मोंटी यूके में है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार विदेश में बैठे साथी सिर्फ कम्युनिकेशन का काम करते हैं। ये काला जठेड़ी को मैसेज देते थे कि भारत में वह फलां व्यक्ति से मिल ले वह कोई काम करवाना चहाता है। काला जठेड़ी व उसके साथी गिरोह सिर्फ भारत में अपराधिक वारदात करते थे।
मैसेज देकर बात करते थे
काला जठेड़ी के विदेश में बैठे साथी फोन पर बात नहीं करते थे। वह कई मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर काला जठेड़ी को मैसेज देते थे। काला जठेड़ी भी इनको मैसेज देकर बात करता था।
कई गिरोह मिलकर काम कर रहे हैं
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार काला जठेड़ी, लारेंस विश्रोई, आनंद पाल, जग्गू भगवानपुरिया, संपत नेहरा और राजू बसौदी से ज्यादा गिरोह ने आपस में हाथ मिला लिया है। ये अलग-अलग या फिर साथ काम करते हैं। एक गिरोह दूसरे गिरोह के काम में टांग नहीं अड़ाता है।