देहरादून-एफ आर आई यानी कि “इंडियन फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट”देश का वह संस्थान जो देश में पेड़ों की प्रजातियों को बचाने के लिए एवं सुरक्षित रखने के लिए तरह-तरह के शोध करता हैं और नए-नए तरीकों को इजाद करता है वहां पर आजकल चोर तो क्या कहेंगे चंदन तस्करों की बुरी नजर पड गई है अब यह जगह भी लकड़ी तस्करों सुरक्षित नहीं रही।
आपको बता दें कि देहरादून में एफ आर आई की बिल्डिंग ऐतिहासिक बिल्डिंग है। सात एकड़ के क्षेत्रफल पर बने इसके भव्य भवन का डिजायन सी.जी. ब्लूमफील्ड ने तैयार किया. सात वर्ष में नब्बे लाख की लागत से बने इस भवन का निर्माण सरदार रंजीत सिंह के तत्वावधान में किया गया था. वायसराय लार्ड इर्विन ने 7 नवम्बर 1929 को इस भवन का उद्घाटन किया. ग्रीक रोमन भवन निर्माण शैली में बनी यह बिल्डिंग आज विश्व की ऐतिहासिक इमारतों में शामिल है। यह बिल्डिंग ही नहीं बल्कि पूरा इस संस्थान का पूरा केंपस सीसीटीवी कैमरो से लैस है 24 घंटे प्रत्येक प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात है जहां बिना इजाजत कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है उस संस्थान के कैंपस से प्रतिबंधित प्रजाति चंदन के पेड़ों पर सेंधमारी कर दी जाती है और किसी को कानों कान खबर भी नहीं होती है। मामला जब मीडिया के माध्यम से उजागर हुआ तो आनन-फानन में वन विभाग भी हरकत में आ गया और वन विभाग के द्वारा पुलिस में एक लिखित शिकायत दी गई।वन विभाग की शिकायत के आधार पर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।हालांकि अभी तक के प्रारंभिक इन्वेस्टिगेशन के अनुसार वन विभाग और पुलिस को FRI कैम्पस के अंदर ही किसी कर्मचारी पर शक किया जा रहा है।खास बात ये है कि FRI में चंदन के पेड़ों को काट कर का मामला पहला नही है, इससे पहले यहाँ ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।लेकिन इसके बावजूद इसके बात है कि जिस FRI कैंपस के अंदर उनकी इजाजत के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता, ऐसे सुरक्षित स्थान पर आखिर कौन सा तस्कर है जो दुर्लभ और प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों का कटान कर तस्करी कर रहा है।
अब यहां सवाल यह उठता है कि जब चंदन के पेड़ों को एफ आर आई के कैंपस से काटा गया और उन पेड़ों को काटकर एफ आर आई के कैंपस से बाहर निकाला गया पेड़ों को काटने के लिए भी एक पूरा तस्करों का दस्ता आया होगा और उन कटे हुए पेड़ों को निकासी करने के लिए वाहन का भी प्रयोग किया गया होगा और किसी ना किसी प्रवेश द्वार से उस वाहन को बाहर निकाला गया होगा इस पूरे खेल में क्या किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई आखिर वहां मौजूद सिक्योरिटी क्या कर रही थी और सीसीटीवी कैमरे भी क्या इस पूरी घटना को सिक्योरिटी तक पहुंचा नहीं सके। हो सकता है चोरो को शायद मिस्टर इंडिया की तरह कोई अदृश्य होने की शक्ति प्राप्त हो गई थी चलो मान लेते हैं चोरों को अदृश्य होने की शक्ति प्राप्त हो गई थी लेकिन क्या उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन को भी उन्होंने गायब कर दिया था या फिर वह बिना रास्तों का प्रयोग किए चोरी से कटे हुए इन प्रतिबंधित दुर्लभ प्रजाति के चंदन के पेड़ों को हवा में उड़ा कर ले गए और किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई।
देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुँवर का साफ तौर पर मानना है कि सीसीटीवी से लैस कैंपस और सभी प्रवेश द्वारों पर 24 घँटे सिक्योरिटी लगी है। वहां कैसे कोई बाहर का आदमी घुसकर चंदन के पेड़ों को काट तस्करी कर सकता हैं।