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अजब गजब घोटाला! सड़क निर्माण के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार,1 दिन में बनकर तैयार हुई 50 मीटर सड़क

विकासनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत जामुन खाता में हो रहा सड़क निर्माण के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार कैसे होगा ग्राम पंचायतों का विकास भ्रष्टाचार के चलते हैं ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के चलते विकास कार्य धरातल पर नहीं दिख रहे हैं।

बरोटीवाला जामुन खाता में ग्राम प्रधान नीरज के द्वारा पंचायत निधि से प्रमोद कुमार के घर से रतन के घर तक एक आरसीसी सड़क का निर्माण कार्य कराया गया है जिसमें ग्रामीणों के द्वारा आपत्ति जताई जा रही है ग्रामीणों का कहना है कि 50 मीटर सड़क का निर्माण एक ही दिन में कर दिया गया है इस सड़क निर्माण में ग्राम प्रधान नीरज ने स्वयं कराया है ना की किसी कार्यदाई संस्था से दूसरा ग्राम प्रधान नीरज के द्वारा पुरानी टूटी हुई सड़क पर ही बिना सोलिंग का पत्थर बिछाए नाम मात्र निर्माण सामग्री डालकर निर्माण को पूरा कर दिया गया है जबकि पुरानी टूटी हुई सड़क को हटाकर नई सोलिंग बिछाकर बेड बनाना चाहिए था फिर जाकर ऊपर आरसीसी रोड बनाना चाहिए था।

ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि 15 बुग्गी पास के ही खाले से रेत मंगाकर उसमें नाम मात्र 5 से 7 कट्टे सीमेंट मिक्स कर सड़क निर्माण किया गया है ऊपर से सीमेंट का घोल डालकर सड़क को चमकदार दिखाया गया है जिसकी थिकनेस मात्र 2 से ढाई इंची है जबकि 7 से 8 इंची थिकनेस इस सड़क की होनी चाहिए थी ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क मात्र 3 से 4 महीने भी नहीं झेल पाएगी फिर बाद में परेशानी का सामना उन्हीं लोगों को करना पड़ेगा ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि जब इस घटिया निर्माण कार्य का ग्रामीणों ने विरोध किया तो ग्राम प्रधान नीरज अपने पूरे परिवार के साथ उनसे लड़ने पहुंच गया और धमकी देने लगा कि तुम से जो उखाड़ता है उखाड़ लो और बार-बार ब्लॉक सेक्रेटरी नितिन को फोन पर घटिया सड़क निर्माण कार्य के बारे में बताया गया और उनसे बार-बार मौके पर पहुंचने का आग्रह किया गया लेकिन वह सिर्फ ग्रामीणों को टरका आते रहे एक बार भी मौके पर आ कर नहीं देखा ।

जब हमारे द्वारा इस घटिया सड़क निर्माण के बारे में ग्राम प्रधान नीरज से फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि सड़क निर्माण वर्क आर्डर पर कराई गई है और बाकी वह किसी तरह की कोई जानकारी नहीं देना चाहते हैं।
वहीं जब इस सड़क निर्माण कार्य के बारे में ब्लॉक सेक्रेटरी नितिन से बात की गई तो उनका कहना था कि सड़क निर्माण कार्य के बारे में उन्हें कोई किसी तरह की जानकारी नहीं है अब सवाल यह उठता है जब ग्राम प्रधान कोई जानकारी नहीं देना चाहता और ब्लॉक सेक्रेटरी को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं या यूं कहें कि भ्रष्टाचार में सब की मिली भगत है तो इसमें भी कोई बेमानी नहीं होगी। जब कोई ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य होता है तो खुली बैठक में प्रस्ताव रखा जाता है जिसमें ब्लॉक सेक्रेटरी के साथ-साथ ग्राम पंचायत के वार्ड मेंबर भी मौजूद रहते हैं और अनुमानित एक बजट भी बनाया जाता है जब निर्माण कार्य हो रहा होता है तो मॉनिटरिंग के लिए सरकार की तरफ से सरकार का कोई प्रतिनिधि भी मौजूद रहता है लेकिन सब अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत यहां चरितार्थ होती नजर आ रही है क्योंकि किसी को कोई जानकारी ही नहीं और ना ही कोई किसी प्रकार की जानकारी देना चाहता है।

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