देहरादून:देवभूमि को वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री करने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को धरातल पर उतारने के लिए डीजीपी सख्त हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अब एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा होगी।ड्रग्स की बिक्री के स्रोत पर कार्रवाई नहीं हुई तो संबंधित थाना, चौकी इंचार्ज इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे और उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा।
शुक्रवार को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के समीक्षा बैठक में डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को नशामुक्त करने का लक्ष्य दिया है। इसके लिए त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का राज्य, जनपद और थाना स्तर पर गठन किया गया है। ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं। थाना स्तर पर मादक पदार्थों की रोकथाम करना थानाध्यक्ष की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि राज्य स्तर की टास्क फोर्स किसी थाना क्षेत्र में ड्रग्स पकड़ती है तो संबंधित थाना प्रभारी की भी जवाबदेही तय होगी।
निर्देश दिए कि जिला स्तरीय टास्क फोर्स में कर्मठ, लगनशील, कार्यों के प्रति समर्पित पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए। ड्रग्स पैडलिंग में लिप्त अपराधियों को चिह्नित कर उन पर मादक पदार्थ अधिनियम एवं गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करें। इनकी अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति भी जब्त की जाए। डीजीपी ने कहा कि यदि ड्रग्स पैडलर्स के साथ किसी कर्मी की संलिप्तता पाई गई तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी।