देहरादूनः सरकार हर वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य विभाग के मद में भारी भरकम बजट का प्रावधान करती है. ताकि, जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सके. बकायदा इसके लिए हर साल भारी भरकम बजट भी जारी किया जाता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बजट खर्च करने में फिसड्डी साबित होता है. जिसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में बजट खर्च करने की धीमी गति पर स्वास्थ्य मंत्री ने न सिर्फ अधिकारियों की क्लास लगाई, बल्कि फरवरी महीने तक शत-प्रतिशत बजट खर्च करने के भी निर्देश दिए.
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के तहत विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को खर्च करने की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि अधिकारी फरवरी 2023 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्य व केंद्र से स्वीकृत बजट को शत-प्रतिशत खर्च करें. यदि किसी परियोजना में नियत समय पर बजट खर्च नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. विभागीय मंत्री ने सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक चिकित्सा शिक्षा को एक हफ्ते के भीतर पिथौरागढ़ में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के स्थलीय निरीक्षण करने को कहा है.
बैठक में मंत्री धन सिंह रावत ने साल 2022-23 में स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं, निर्माण कार्यों के साथ ही मेडिकल उपकरण और दवा खरीद संबंधी बजट व्यय की विस्तृत समीक्षा की. उन्होंने मेडिकल कॉलेजों एवं स्वास्थ्य विभाग के तहत बजट खर्च करने की धीमी गति पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई. मंत्री रावत ने कहा कि सभी अधिकारी विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत बजट को फरवरी तक शत-प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें. यदि किसी भी परियोजना का बजट नियत समय तक खर्च नहीं होता है और स्वीकृत धनराशि लैप्स होती है तो उसके जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
इसके अलावा बैठक में चिकित्सकीय उपकरण और दवा क्रय के लिए स्वीकृत बजट की भी विस्तार से समीक्षा की गई. मंत्री धन सिंह रावत ने जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन व एक्स-रे मशीनों की जल्द खरीदने के निर्देश दिए. उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई. साथ ही विभागीय सचिव आर राजेश कुमार और निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना को मेडिकल कॉलेज का स्थलीय निरीक्षण कर जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए.
वहीं, एनएचएम के तहत संचालित विभिन्न परियोजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि के व्यय की धीमी गति पर भी विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए तय समय पर बजट खर्च करने के निर्देश दिए. उन्होंने योजना के अंतर्गत विभिन्न जिलों में स्वीकृत ट्रांजिस्ट हॉस्टल एवं सीसीबी के निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने को कहा. इसके अलावा उन्होंने आईईसी के अंतर्गत योजनाओं के प्रचार-प्रसार व प्रशिक्षण के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए. सूबे के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की कमी पर चिंता जाहिर करते हुए मंत्री रावत ने अधिकारियों को रेडियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, कार्डियो एवं न्यूरो सर्जन की तैनाती के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए.