विकासनगर-कुल्हाल यमुना नदी क्षेत्र में अवैध और प्रतिबंधित खनन सामग्री को लेकर छापेमारी की गई जिसमें कई वाहनों की जांच पड़ताल कर 6 लाख की रकम वसूली गई।
आपको बता दें कि मंगलवार देर रात्रि कुल्हाल खनन पट्टे पर खनन विभाग राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की जिसमें यमुनापार हिमाचल प्रदेश में लगे स्टोन क्रेशर से टैक्स बचाकर लाई गई प्रतिबंधित खनन सामग्री से भरे पाए गए डंपर चालक टीम को देखकर अपना वाहन छोड़कर भाग गए। टीम के द्वारा वाहनों की जांच पड़ताल की गई जिसमें अधिकतर वाहन में ओवरलोड और प्रतिबंधित खनन सामग्री डस्ट और रोडी पाई गई सूत्रों की अगर मानें तो खनन सामग्री भरे वाहनों के पास रवान्ना तक भी नहीं था इस कारण वाहन चालक अपने वाहनों को छोड़कर भाग गए। जब इस बाबत पट्टा संचालक से बात की गई तो पट्टा संचालक का कहना था कि उनके द्वारा सूर्य अस्त के बाद सूर्य उदय होने तक खनन पट्टे का संचालन बंद कर दिया जाता है और इसी बात का फायदा अवैध खनन करने वालों के द्वारा उठाया जाता है और यदि कभी संबंधित विभागों द्वारा उनकी धरपकड़ की जाती है तो वह अपने वाहनों को लाकर खनन पट्टे की सीमा के अंदर खड़ा कर देते हैं जिससे हमारा कोई लेना देना नहीं है।
वहीं जब मौके पर छापेमारी करने गई टीम में मौजूद जिला खनन अधिकारी ऐश्वर्या शाह से सवाल किया गया तो उनके द्वारा मीडिया के सवालों से दूरी बनाते हुए यह कहा गया कि मैं मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब देना मुनासिब नहीं समझता इसी कारण मेरे खिलाफ कई बार मुर्दाबाद की नारेबाजी भी हो चुकी है आप मीडिया कर्मी भी चाहे तो मेरे खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा सकते हैं।
वहीं आज गुरुवार को खनन मोरी कुबेर सलाल के द्वारा बताया गया कि मंगलवार को की गई छापेमारी में 13 डंपर प्रतिबंधित अवैध खनन सामग्री पाई गई थी सभी के अवैध खनन में चालान काटकर 6 लाख 7 हजार रुपए जुर्माने की रकम वसूली गई।
आपको बता दें कि राज्य की टैक्स चोरी कर प्रतिबंधित खनन सामग्री को यमुना पार हिमाचल में लगे स्टोन क्रेशर से नदी के रास्ते लाया जाता है और इन वाहनों पर रमन्ने का जुगाड़ कर अन्य स्थानों में सप्लाई कर दिया जाता है और साथ ही छापेमारी में जो वाहन वहां रोके गए थे उनमें से अधिकांश वाहनों की नंबर प्लेट से नंबरों को मिटा दिया गया था जिस पर आरटीओ विभाग द्वारा किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया जाता है अब ऐसे में यदि इन वाहनों से कहीं कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो वही ऐसे वाहनों को ढूंढने में पुलिस के लिए एक टेढ़ी खीर साबित होता है। अब देखना यह है कि यमुना पार से आने वाली प्रतिबंधित खनन सामग्री पर कितनी रोक लग पाती है।