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मंत्रिमंडल की बैठक में इन फैसलों पर लगी मुहर

देहरादून : उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुवार को कुल 30 फैसलों पर मुहर लगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, डॉ. धन सिंह रावत, चंदन रामदास और सौरभ बहुगुणा मौजूद रहे।

मंत्रिमंडल के निर्णयों में राज्य सरकार की सोलर नीति में मुख्यमंत्री स्वरोजगार संशोधन नीति को मंजूरी दे दी गई।

इसके साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण के साथ-सथ गैरसैंण में पेश होने वाले बजट को भी मंजूरी मिल गई है। सूत्रों की माने तो राज्य सरकार इस बार सर प्लस बजट पेश कर सकती है।धामी सरकार सरकार साफ सुथरी और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत मंत्रिमंडल में आज समूह ‘ग’ में साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

इसके अलावा मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की संशोधित गाइडलाइन,भू-राजस्व अधिनियमख,’प सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 संशोधन और सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि (संशोधन) नियमावली सहित दो दर्जन से अधिक विषयों पर निर्णय लिए गये हैं।

गुरुवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। पंचम विधानसभा के बजट सत्र आहूत होने की तिथि घोषणा के चलते मंत्रिमंडल की बीफ्रिंग नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार राज्याधीन सेवाओं के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए समूह ‘ग’ के तकनीकी/गैर तकनीकी पदों से साक्षात्कार की प्रक्रिया विखण्डित करने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा उत्तराखंड (सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 (अधिनियम संख्या-15 वर्ष, 1895) में उत्तराखंड राज्य के परिप्रेक्ष्य में संशोधन किया गया। जनपद ऊधमसिंह नगर के सीमान्तर्गत पूर्वी पाकिस्तानी (वर्तमान बांग्लादेश) से वर्ष 1971 से पूर्व भारत आए शरणार्थी जिन्हें पुनर्वास योजना के अन्तर्गत कृषि के लिए सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 के अधीन जिला पुनर्वास कार्यालय, बरेली और जिला पुनर्वास कार्यालय, रुद्रपुर (पूर्ववर्ती जिला नैनीताल) वर्तमान जिला ऊधमसिंह नगर की ओर से भूमि पट्टे पर आवंटित की गई थी और मूल पट्टेदार की सहमति से अन्य व्यक्ति जो (09-01-2000 से पूर्व कब्जा प्राप्त कर उक्त भूमि पर काबिज थे।

प्रदेश स्तर पर नगर निकायों के विस्तार होने के फलस्वरूप भू-राजस्व अधिनियम’ के अन्तर्गत भूमि विवादों की बढ़ती संख्या और भू-राजस्व में कमी को ध्यान में रखकर अधिनियम में संशोधन किया गया है। परिवहन विभाग से अभिकर्ता / प्रचारक (सार्वजनिक सेवायानों द्वारा यात्रा करने के लिये सवारियां इकट्ठी करने एवं टिकटों की बिक्री) नियमावली 2023 पर मुहर लगी है। टूर आपरेटर्स को उक्त नियमावली के अन्तर्गत पंजीयन करने के लिए जीएसटी नम्बर भी प्राप्त करना होगा जिससे राजस्व की प्राप्ति होगी।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को वित्तीय रूप से और अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए योजना गाइडलाइन में संशोधन किया गया है। इसके अन्तर्गत योजना को सूक्ष्य लघु एवं मध्यम विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के स्थान पर सूक्ष्य लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2015 के अन्तर्गत संचालित किया जायेगा। जिसमें लाभार्थियों को 15 फीसद से 25 फीसद अनुदान के स्थान पर 15 फीसद से 40 फीसद तक अनुदान अनुमन्य होगा। 20 से 25 किलोवाट के संयंत्र के स्थान पर 50 किलोवाट, 100 किलोवाट व 200 किलोवाट के परियोजना संयंत्र स्थापित किये जायेगें। संयंत्र लागत की दरों में वृद्धि के 40000 प्रति किलोवाट के स्थान पर 50000 प्रति किलोवाट की दरें निर्धारित की गई हैं।

उत्तराखंड राज्य की विशेष भौगोलिक स्वरूप के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कृषि सेवा नियमावली 1993 को अधिक्रमित करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ कृषि सेवा नियमावली 2023 प्रख्यापित की जा रही है। जी-20 समिट से संबंधित कार्यों के प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी (एचपीसी) का गठन के लिए प्रस्ताव किया गया है। राजकीय होटल मैनेजमेन्ट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एण्ड एप्लाइड न्यूट्रीशन, देहरादून एवं अल्मोड़ा संस्थानों के लिए पूर्व में सृजित संगठनात्मक ढांचे को एआईसीटीई के मानकों के अनुसार नियमित 48 पदों और नियत वेतन/आउटसोर्स के 50 पदों के सृजन एवं पुनर्गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सेवा का अधिकार आयोग को अधिक प्रभावशाली एवं सशक्त बनाने के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम 201 में संशोधन कर 2023 तैयार किया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम के वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2015-16 तक के वार्षिक लेखे एवं सम्परीक्षा प्रतिवेदन निगम बोर्ड से अनुमोदन एवं महालेखाकार, भारत सरकार से ऑडिट के उपरान्त विधान मण्डल के पटल पर रखने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।

उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि (संशोधन) नियमावली 2023 के तहत 25 लाख को बढ़ाकर 50 लाख देने पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगाई है। वन विकास निगम के लेखे प्रतिवर्ष भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक या उनके प्राधिकृत किसी भी व्यक्ति की ओर से यथाप्रमाणित निगम के लेख लेखापरीक्षा रिपोर्ट सहित राज्य सरकार को प्रतिवर्ष भेजे जायेंगे। राज्य सरकार ऐसी रिपोर्ट मिलते ही राज्य विधान मण्डल के प्रत्येक सदन के समक्ष रखेगी।

राज्य की चीनी मिलों की ओर से पेराई सत्र 2022-23 में क्रय करने के लिए गन्ने का राज्य परामर्जित मूल्य निर्धारित करने और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि / विनियम, 2011 (समय-समय पर यथा संशोधित) में विद्युत वाहन चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रावधान किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गय है। जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों को मानचित्र स्वीकृति से प्राप्त होने वाले विकास शुल्क की धनराशि के वितरण पर निर्णय लिया गा है।

उत्तराखंड संविदा श्रमिक (विनियमन तथा उत्सादन) (संशोधन) नियमावली 2023 के तहत आवेदन करने के 20 दिन में यदि संबंधित प्राधिकारी द्वारा पंजीयन/ आवेदन पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो पंजीयन स्वतः स्वीकृत समझा जाएगा। उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2023 को प्रख्यापित करने के लिए अनुमोदन मिली है। स्टेट इन्स्टीटयूट ऑफ होटल मैनेजमेन्ट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एण्ड एप्लाइड न्यूट्रीशन, नई टिहरी संस्थान में कार्यरत शैक्षिणिक स्टॉफ को एआईसीटीई के मानकानुसार सहायक प्रोफेसर के लिए 57.700/- एवं प्राचार्य/ निदेशक के लिए 1,44,200 का न्यूनतम प्रवेश वेतन का निर्णय लिया गया है।

राज्य सरकार द्वारा फिल्म शीर्षक ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को राज्य के भीतर प्रोत्साहित के लिए एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति के लिए विचलन से अनुमोदित निर्णय करने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखंड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली, 2022 प्रख्यापित/ अधिसूचित करने के साथ ही मुख्यमंत्री घोषणा संख्या-1548/2021 विधानसभा क्षेत्र 45 गंगोलीहाट के अन्तर्गत नगर पंचायत बेरीनाग को नगर पालिका परिषद का दर्जा के लिए क्षेत्र के निवासियों को प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की लाइन सड़कें, साफ-सफाई सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत महायोजना क्षेत्र में औद्योगिक भू-उपयोग में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए मानचित्र स्वीकृति में स्वप्रमाणन प्रक्रिया के तहत

मानचित्र, स्ट्रक्चरल ड्राइंग एवं सेफ्टी डिजाइन तैयार किया जायेगा तथा सेल्फ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। औद्योगिक इकाइयों जिनकी ऊंचाई 12 मीटर से कम और स्लोप 30 डिग्री से कम हो, उनके लिए ही आवेदन किया जा सकता है। आईफेड के वित्त पोषण से नई परियोजना-ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के ढांचे में निम्नानुसार संशोधन प्रस्तावित किया गया है। राज्य के विभिन्न श्रेणियों की भूमियों को विनियमित के लिए विचार विमर्श के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित करने के लिए मुख़्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

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