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खनन पट्टे की आड़ में हिमाचल से नदी के रास्ते लाई जा रही प्रतिबंधित खनन सामग्री, प्रशासन मौन

विकासनगर-नदिया के इस पार नदिया के उस पार सब चलता है मेरे यार यह खनन का काम है मिलजुल कर चलता है मेरे यार।

तहसील विकासनगर में कुल्हाल क्षेत्र की यमुना नदी में गढ़वाल मंडल विकास निगम का एक खनन पट्टा आवंटित है जिसमें पट्टा संचालक के द्वारा सभी मानकों और नियमों को दरकिनार करते हुए खनन पट्टे की आड़ में दूसरे राज्य हिमाचल प्रदेश में लगे स्टोन क्रेशर से प्रतिबंधित खनन सामग्री नदी के रास्ते लाई जा रही है जिसमें सरकार को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।

आपको बता दें कि राज्य में सरकार द्वारा धुली बजरी और रोडी को दूसरे राज्य से लाने पर प्रतिबंध लगाया गया है बावजूद इसके कुल्हाल खनन पट्टा संचालक नदी पार हिमाचल प्रदेश में लगे स्टोन क्रेशर से प्रतिबंधित खनन सामग्री को ट्रैक्टरों के माध्यम से खनन पट्टे में डलवा रहा है और उक्त प्रतिबंधित खनन सामग्री को डम्फरो में भरवा कर बेच रहा है प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए पट्टा संचालक उक्त वाहनों को अपने खनन पट्टे का रमन्ना बना कर दे रहा है। दर्जनों ट्रैक्टर हिमाचल राज्य से नदी के रास्ते खनन पट्टे पर खनन सामग्री को रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में ही खुलेआम बिना किसी भय के ला रहे हैं। जो किसी तहसील प्रशासन खनन विभाग वन विभाग गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को नहीं दिख रहा है या यूं कहें की यह सारा खेल मिलीभगत के चलते हो रहा है जिससे सरकार को रोजाना लाखों रुपए राजस्व की हानि पहुंच रही है।

वैसे तो प्रशासन लाख दावे करता है कि अवैध खनन पूर्णतया प्रतिबंधित है और प्रतिबंधित खनन सामग्री से भरे वाहनों को किसी भी कीमत में राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है जिसके लिए कुल्हाल बॉर्डर पर वन विभाग और पुलिस विभाग की टीम अक्सर जांच करती नजर आ जाती है लेकिन वही दूसरी ओर नदी के रास्ते दूसरे प्रदेश से प्रतिबंधित और अवैध खनन सामग्री को लाने के लिए खुली छूट दी हुई है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित विभाग और प्रशासन पट्टा संचालक के लिए बॉर्डर के रास्ते आने वाली प्रतिबंधित खनन सामग्री को बंद किए हुए हैं जिससे प्रतिबंधित खनन सामग्री लाने वाले वाहन आसानी से खनन पट्टे के माध्यम से ला सकें।

बताया गया कि उक्त पट्टा संचालकों की सरकार में अच्छी पैठ है जिससे कोई भी संबंधित विभाग और प्रशासन किसी भी तरह की कोई कार्यवाही करने से बच रहा है और सब देख कर भी अनजान बना बैठा है आखिर एक तरफ तो प्रशासन हिमाचल राज्य से कुल्हाल बॉर्डर से प्रतिबंधित सामग्री लाने वाले वाहनों को सीज कर भारी भारी जुर्माना वसूल रहा है वहीं दूसरी ओर पट्टा संचालक को कुछ भी करने की छूट दिए हुए हैं।

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