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शक्ति नहर के क्लोजर में हो रहा घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल, क्लोजर के बचे मात्र 10 दिन, मरम्मत कार्य अभी आधा भी नहीं

विकासनगर-डाकपत्थर से लेकर कुल्हाल तक शक्ति नहर के क्लोजर में किए जा रहे मरम्मत के कार्यों में बेहद ही घटिया गुणवत्ता का कार्य किया जा रहा है। शासन से 25 मई तक इस मरम्मत कार्य को पूरा करने की अंतिम तिथि प्रदान की गई है परंतु शक्ति नहर की तली (बैड) में क्लोजर के 18 दिन बाद भी पानी मौजूद है। मात्र बचे 10 दिनों में ठेकेदार द्वारा कौन सी जादुई छड़ी घुमा कर काम पूरा किया जाएगा। जबकि डाकपत्थर से लेकर कुल्हाल तक नहर की तली में नीचे आरसीसी का एक बेड भी बिछाना है और दोनों साईडे की क्षतिग्रस्त जगह में पैनल ग्रोटिंग का वर्क भी होना है तो यह सब मात्र बचे 10 दिनों में कैसे पूरा होगा।

ठेकेदार द्वारा नहर की तली में मौजूद पानी में ही मसाला डालकर बेड का निर्माण किया जा रहा है और निर्माण कार्य में क्रेशर की सामग्री न इस्माल करके नदी का मलबा आरबीएम डालकर बेड बना कर खानापूर्ति की जा रही है।साइड वॉल को बिना मानकों का ध्यान रखें पैच वर्क के द्वारा मरम्मत का प्रयास किया जा रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से हो रहे इस मरम्मत कार्य में सिर्फ लीपापोती की जा रही है मात्र 10 दिन बचे हैं जिसमें ठेकेदारों द्वारा खानापूर्ति कर दी जाएगी और फिर पानी नहर में छोड़ दिया जाएगा जिससे ठेकेदारों द्वारा मरम्मत कार्य में किए जा रहे सारे पाप दब जाएंगे।


शासन द्वारा स्वीकृत करोड़ों रुपए के मरम्मत कार्य चलने के दौरान उजेवीएनएल का कोई भी अधिकारी मॉनिटरिंग के लिए नहीं खड़ा पाया जाता है जबकि यू जेवीवीएनएल की जिम्मेदारी बनती है कि जो मरम्मत कार्य किया जा रहा है वह मानकों के अनुरूप हो रहा है या नहीं लेकिन शायद जिम्मेदार अधिकारी भी नहर में पानी छोड़े जाने वाले दिन का इंतजार कर रहे हैं।शासन प्रशासन में बैठे संबंधित उच्च अधिकारियों को चाहिए कि उक्त प्रकरण का संज्ञान गंभीरता से लें और सरकार को होने वाले करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार से बचाया जा सके।

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