पछवादून में इन दिनों खनन माफियाओं का आंतक इतना बढ़ चुका है कि खनन माफिया अधिकारियों को भी कूटने से गुरेज नहीं कर रहे हैं चाहे जंगलात विभाग के रेंजर हो या फिर गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारी इसके पीछे की वजह शायद खनन माफियाओं को किसी सफेदपोश का संरक्षण प्राप्त है और उसी सफेदपोश की रहनुमाई में खनन माफिया पछवादून की नदियों से जमकर आवैध खनन कर रहे हैं जिससे सरकार को रोजाना लाखों करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है।
आपको बता दें कि सेलाकुई थाना क्षेत्र की भाऊवाला राजा वाला नदी में इन दिनों जमकर अवैध खनन किया जा रहा है सूत्रों की अगर मानें तो शाम ढलते ही सारना नदी में जेसीबी मशीनें उतारी जाती हैं और सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध खनन के कार्य में लिप्त हो जाते हैं जिसकी लगातार स्थानीय लोगों के द्वारा शिकायत की जाती रही है सोरना नदी में गढ़वाल मंडल विकास निगम का खनन पट्टा आवंटित है जो वर्षा काल के 3 महीनों के अंतराल बंद रहता है जिसका फायदा खनन माफिया जमकर उठाते हैं शाम ढलते ही सुबह के 5:00 बजे तक सोरना नदी में कई कई जेसीबी मशीनों को उतारकर अवैध खनन किया जाता है। लगातार मिल रही शिकायतों पर गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारी अनिल कुमेडी निरीक्षक को पहुंचे तो अवैध खनन करने वाले ट्रैक्टर ट्रॉलीओ को उनके द्वारा रोका गया जिस पर खनन माफियाओं ने फोन करके अपने साथियों को वहां बुला लिया और ट्रैक्टर वहां से भगा ले गए और 2 गाड़ियां भरकर खनन माफियाओं के आए गुंडों ने जीएमवीएन के अधिकारी को घेरकर ताबड़तोड़ जानलेवा हमला कर दिया जिसमें जीएमवीएन के अधिकारी अनिल कुमेडी को गंभीर चोटें आई हैं और उनका देहरादून के किसी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
अब यहां सवाल यह उठता है कि माननीय उच्च न्यायालय और एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर आखिर किसके संरक्षण में अवैध खनन का इतना बड़ा नेटवर्क चल रहा है और नदी से अवैध खनन कर ट्रैक्टर ट्रॉली उस खनन सामग्री को कहां खपा रहे हैं और खनन माफियाओं के हौसले इतने कैसे बुलंद हो गए की एक संबंधित विभाग के सरकारी अधिकारी पर भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं पूर्व में भी कुछ दिन पहले जंगलात विभाग के रेंज अधिकारी ने अवैध खनन से भरे डंपरों को रोका तो खनन माफियाओं ने उनसे हाथापाई कर डंपर छुड़ा ले गए थे खनन माफियाओं में कानून का ना तो कोई भय है और ना ही कोई कानून की परवाह ऐसे में थाना सेलाकुई पुलिस पर कई गंभीर सवाल उठते हैं जो सेलाकुई पुलिस की नाक के नीचे इतना बड़ा अवैध खनन का सिंडिकेट चल रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है और शायद किसी बड़ी घटना के घटने के इंतजार में है या फिर यह भी हो सकता है कि सारा खेल मिली भगत के चलते हो रहा है।