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मीडिया प्रोफेशनल्स के हितों की रक्षा जरूरी, बनाएं दिशा-निर्देश; सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को डिजिटल उपकरणों को जब्त करने से पहले और उसके दौरान कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए नियम बनाने की मांग करने वाली पत्रकार संस्था की याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिन संजय किशन कौल ने एएसजी एसवी राजू से कहा, ‘देखिए ये मीडिया प्रोफेशनल हैं.

उपकरणों की जब्ती के संबंध में कुछ दिशा-निर्देश होने चाहिए.’

इस पर एएसजी एसवी राजू ने कहा- ‘लेकिन ऐसे राष्ट्रविरोधी भी हैं जो (पत्रकार के रूप में) सक्रिय हो सकते हैं.’ इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपके पास बेहतर दिशा-निर्देश होने चाहिए. अगर आप चाहते हैं कि हम यह करें (दिशा-निर्देश बनाने को लेकर), हम यह करेंगे. लेकिन हमारा विचार यह है कि आपको यह स्वयं करना चाहिए. यह ऐसा देश नहीं हो सकता जो जांच एजेंसियों के माध्यम से चलाया जाता हो.’

पत्रकारों के हितों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश आवश्यक हैं’

पीठ ने आगे कहा, ‘आपको इस बात का विश्लेषण करना चाहिए कि सुरक्षा (पत्रकारों के हितों की) के लिए किस प्रकार के दिशा-निर्देश आवश्यक हैं, कुछ करना होगा. कुछ हद तक यह उस अर्थ में प्रतिकूल नहीं हो सकता.’ पत्रकारों की संस्था के वकील ने पीठ से कहा, ‘यह राज्य की शक्ति बनाम आत्म-दोषारोपण, गोपनीयता (State Power vs Self Incrimination, Privacy) के बारे में है. आजकल एजेंसियां पासवर्ड या बायोमेट्रिक्स साझा करने के लिए बाध्य करती हैं. वे कब जब्त करेंगी, क्या जब्त करेंगी, पर्सनल डेटा, फाइनेंशियल डेटा सभी डिजिटल फुटप्रिंट्स उस डिवाइस पर हैं, इसके संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं.

एएसजी राजू ने कहा- मीडिया कानून से ऊपर नहीं हो सकता

एएसजी एसवी राजू ने कहा कि मीडिया कानून से ऊपर नहीं हो सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘मीडिया प्रोफेशनल्स के हितों की रक्षा होनी चाहिए और इसके लिए बेहतर दिशा-निर्देश होने चाहिए. हम चाहेंगे कि एएसजी इस पर काम करें और इस मुद्दे पर वापस आएं. यह एक गंभीर मामला है. हमने (सुप्रीम कोर्ट) निजता को मौलिक अधिकार बना दिया है.’ शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 6 दिसंबर निर्धारित की.

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