विकासनगर: भूमाफियाओं के द्वारा कृषि भूमि पर सभी नियमों को ताक पर रखकर अवैध प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है। विकासनगर क्षेत्र में कई बेतरतीब तरीके से अवैध प्लोटिंग कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण धडल्ले से चल रहा है । अवैध तरीके से पूरे शहर में कॉलोनियों का मकडज़ाल फैला हुआ है। सेफियनस स्कूल की तरफ साइन मंदिर के पीछे 38 से 40 बीघा कृषि भूमि में अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है जिसमें ₹1200 स्क्वायर फीट के प्लॉट बेचे जा रहे हैं वहीं दूसरी और धन्वंतरी हॉस्पिटल के पीछे सभी नियमों को ताप पर रखकर कॉलोनी काटी गई और वहां MDDA विभाग की बिना अनुमति बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण का कार्य लगातार जारी है। भू-माफियाओं के द्वारा बिना अनुमति के व नियमों को ताक पर रखकर अवैध प्लाटिंग की जा रही MDDA और संबंधित विभागों के अफसर कोई ठोस कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अवैध रूप से की गई प्लाटिंग को बेचकर भूमाफिया अपना मोटा मुनाफा कमाकर निकल जाते हैं और इसका खामियाजा फिर से आम जनमानस को ही भुगतना पड़ता है।
जबकि नियम यह है कि MDDA से नक्शा पास कराकर अनुज्ञा लेकर ही कोई भी कॉलोनाइजर प्लॉटिंग कर सकता है। इसमें पार्क, सर्विस एरिया के लिए जमीन आरक्षित करनी पड़ती है। इसके साथ में चौड़ी सड़क सहित विकास कार्य करने के लिए नगर पालिका से विकास अनुज्ञा लेनी पड़ती है। इसके बाद सड़क, पानी, नाली, बिजली, सीवर लाइन आदि का काम कराना अनिवार्य होता है। कॉलोनी विकास के लिए अनुज्ञा आश्रय शुल्क, कर्मकार शुल्क की राशि भी जमा करनी होती है। कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार शुल्क जमा करना पड़ता है। आर्थिक रुप से कमजोर, निम्न आय वर्ग के लिए भूखंडों का आरक्षण करना आवश्यक है, लेकिन किसी भी प्लाटिंग व कॉलोनी में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा।
इस संबंध में कोई भी जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यदा-कदा ही कार्रवाई की औपचारिकता हो रही है। विभाग एक ही अवैध रूप से निर्मित प्रॉपर्टी को 5 साल तक नोटिस भेजता रहता है धवस्तीकरण की कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता इससे अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण पर कार्रवाई न किए जाने से जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।