विकासनगर में होटलों के बाद अब कपल केबिन ( couple cabin ) गंदे काम के अड्डे पर बन चुके है। शहर की हर प्रमुख सडक़ और गलियों में रेस्टोरेंट और कैफे में कपल केबिन में अनैतिक कारोबार चल रहा है। कोचिंग और स्कूल में पढऩे वाले नाबालिक छात्र-छात्राएं कपल केबिन बुक करवा अनैतिक काम में लिप्त होते जा रहे है। इन पर चेतावनी का भी कोई असर नहीं है।
क्षेत्र में बहुत से ऐसे कैफे खुले हुए हैं जहां अलग से कुछ कपल केबिन की व्यवस्थाएं की गई है उनमें बाकायदा पर्दे और दरवाजे लगे हुए हैं सूत्रों की अगर मानें तो उन केबिन के अंदर नाबालिक उम्र के लड़के लड़कियों को कैफे स्वामी के द्वारा बिठाया जाता है और केबिन में बैठने के बाद नाबालिक उम्र के लड़के लड़कियां अनैतिक काम और नशा वृत्ति करते हैं जिसके बदले में प्रति घंटे के हिसाब से मोटा चार्ज कैफे स्वामी के द्वारा वसूला जाता है। कैफे संचालकों ने केबिन में अनैतिक कारोबार को बढ़ाने के साथ लूट भी मचा रखी है। केबिन में दो गुना कीमत पर सामान दिया जा रहा है।यह कहां तक जायज है कि अपनी कमाई के चक्कर में छोटे-छोटे बच्चे बच्चियों को अनैतिक कामों की ओर धकेला जा रहा है और यह काम किसी एक या दो कैफे में नहीं चल रहा है लगभग ज्यादातर कैफे अपने आवैध बने इन केबिनो के माध्यम से ही अपनी मोटी कमाई कर रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार प्रशासन भी इनके आगे नतमस्तक है क्योंकि इस तरह के कैफे और केबिन के स्वामी धन्ना सेठ और रसूखदार लोग हैं।
यदि कोई बड़ी दुर्घटना किसी के बच्चों के साथ हो गई तो उसके लिए जिम्मेदार होगा कौन यह एक बड़ा सवाल है। और यहां एक और बात क्षेत्र के खुद को बहुत बड़ा समाजसेवी कहने वाले लोग भी इन कैफे और केबिन मालिकों को अपना समर्थन दिये हुए हैं क्या यह भी किसी प्रकार की समाज सेवा है,शायद इस समाज सेवा के बदले उनको भी कुछ हिस्सा प्रॉफिट के रूप में दिया जाता होगा। ऐसे कैफे और आवैध केबिन आपको ज्यादातर बायपास रोड पर देखने को मिलेंगे जहां नाबालिक उम्र के लड़के लड़कियां अश्लील हरकत और नशा वृत्ति करते हैं।प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के अवैध बने गुप्त कपल केबिनो को ध्वस्त किया जाए और इनके स्वामियों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाए। जल्द इस संबंध में जिले के उच्च अधिकारियों से मिलकर साक्ष्यों के साथ वार्ता कर प्रकरण संज्ञान में लाया जाएगा।