विकासनगर-देहरादून पोंटा हाईवे पर खनन से भरे ओवरलोड वाहन लगातार हादसों का सबब बन रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन ओवरलोड वाहनों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती।खनन सामग्री से भरे इन ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई ना होना स्थानीय आरटीओ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।आरटीओ विभाग के द्वारा जगह-जगह चौक चौराहा और सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं मगर उन सीसीटीवी कैमरा की नजर कभी इन ओवरलोड खनन सामग्री से भरे वाहनों पर नहीं पड़ती जबकि दोपहिया वाहन पर बैठी पिछली सवारी का हेलमेट न पहनने पर तो चालान जरूर कट जाता है।खनन सामग्री से भरे इन ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई ना होना स्थानीय आरटीओ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है।
नियमों को ताक पर रख ओवरलोड खनन सामग्री से भरे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इससे सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है। कुल्हाल,ढकरानी विकास नगर से देहरादून जाने वाले ट्रैक्टर ट्राली, ट्रक, डंपर आदि वाहनों में स्वीकृत खनन से अधिक माल भरकर ले जाया जा रहा है जबकि कागजों में उपखनिज की मात्रा कम दिखाई जा रही है। आरटीओ के प्रशासनिक अमले की लचर कार्य प्रणाली के चलते रेत, बजरी एवं पत्थर जैसी खनन सामग्री से भरे ओवरलोड वाहन दिन-रात सड़कों पर आंधी जैसी तेज रफ्तार गति से बेखौफ दौड़ते हैं। इससे दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी आरटीओ विकासनगर, भूतत्व व खनिज कर्मियों को न हो, लेकिन इसके बाद भी उपखनिज को ठिकाने लगाया जा रहा है। विभागीय अधिकारी कार्रवाई के बजाय आंखें मूंदे बैठे हैं या यूं कहें कि मिली भगत के चलते सारा खेल हो रहा है।
ऐसे ओवरलोड वाहन लगातार हादसों का कारण बन रहे हैं। जिन पर लगाम लगाना अति आवश्यक है, ताकि सड़क से गुजरने वाले लोगों को हादसों के खौफ से निजात मिल सके।