उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर वनाग्नि की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियों के संबध में अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक की। इस दौरान वनाग्नि रोकने के लिए दावानल की घटनाओं से प्रभावित जनपदों में जल्द ही नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को सीएम आवास में प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ जंगलों के आग की रोकथाम के संबंध में वर्चुअल बैठक की।
उन्होंने कहा कि फायर सीजन के दौरान गर्मियों के चार महीने वनाग्नि के मद्देनजर चुनौतीपूर्ण होते हैं लिहाजा इस अवधि में अधिक से अधिक सतर्क बरती जाए। अफसर ऐसी कोशिश करे कि वनाग्नि की घटनायें न के बराबर हों।
धामी ने कहा कि जहां से भी वनाग्नि घटना की सूचना मिलती है, उस पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए। अफसर रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम करें। उन्होंने जंगलों के आग की रोकथाम के लिए प्रभारी वनाधिकारी के स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने और जल्द से जल्द हेल्पलाइन नंबर और टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिए।
इन नंबरों का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों में जागरूकता लाई जाए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने वनाग्नि के लिहाज से अति संवेदनशील व संवेदनशील क्षेत्रों का ब्योरा भी रखा।
बताया कि इन क्षेत्रों में आग की घटनाओं के रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक अनूप मालिक, प्रमुख वन संरक्षक (पंचायत) डा.धनंजय मोहन, विशेष सचिव डा.मधुकर धकाते भी मौजूद रहे।
अफसर समन्वय बनाए
मुख्यमंत्री ने जंगलों की आग के रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभागों के अफसरों को आपसी तालमेल सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। कहा कि इस कार्य में स्थानीय लोगों, जन-प्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों आदि का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने चीड़ के पिरुल का उपयोग किए जाने और आबादी क्षेत्रों में बंदरों के आवागमन को रोकने पर भी कार्ययोजना बनाने की हिदायत दी।