News India24 uk

No.1 News Portal of India

थाना अध्यक्ष को बदनाम करने की हुई साजिश या षड्यंत्र, सभी आरोप निकले निराधार

सेलाकुई थाना अध्यक्ष शैंकी कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता राहुल सिंह रावत ने अपने कुछ साथियों के साथ एसपी सिटी को 18 मई को एक लिखित शिकायती पत्र दिया जिसमें आरोप लगाए थे कि सेलाकुई क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने की शिकायत करने पर उसके साथ थाना अध्यक्ष और थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा 8 मई की देर रात्रि उसके साथ मारपीट और अभद्रता की गई मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर पुलिस अधीक्षक देहरादून के द्वारा जांच CO सदर को दी गई और निर्देश दिए गए की जांच पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए।

पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर द्वारा तत्काल शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करते हुए थाना सेलाकुई जाकर पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की गई। जांच में घटना के समय रात्रि में ड्यूटी में नियुक्त पुलिस कर्मियों के बयान लिए गए और थाना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को खंगाला गया, साथ ही घटना के दिन के समस्त अभिलेखों का निरीक्षण किया गया, पुलिस कर्मियों द्वारा अपने बयानों में दिनांक 08-05-2024 की रात्री में शिकायतकर्ता द्वारा शराब के नशे में थाना परिसर में आकर थानाध्यक्ष सेलाकुई तथा अधीनस्थ स्टाफ के साथ खनन अधिकारी व पुलिस द्वारा उसकी सूचना पर कार्यवाही न करने को लेकर वाद विवाद किया जाना बताया गया। शिकायतकर्ता के शराब के नशे में होने पर पुलिस कर्मियों द्वारा शिकायतकर्ता का मेडिकल करवाने के उपरांत शिकायतकर्ता का धारा 81 पुलिस एक्ट के तहत चालान करते हुए उनके परिचित को थाने बुलाकर शिकायतकर्ता को उनके सुपुर्द करने की बात बताई गई।

उक्त प्रकरण में शिकायतकर्ता का मेडिकल करने वाले डॉक्टर से जानकारी करने पर उनके द्वारा भी अपने बयानो में दिनांक 08-05-2024 को शिकायतकर्ता के शराब के नशे में होने तथा उसके शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट के निशान न होने की पुष्टि की गई। इसके अतिरिक्त शिकायतकर्ता द्वारा अपने बयानो में पुलिस द्वारा काफी ज्यादा मारपीट किये जाने तथा मारपीट के कारण शिकायतकर्ता के चलने की स्थिति में न होने की बात भी कही गई थी, जबकि थाना परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेज चैक करने पर दिनांक 09-05-2024 की प्रातः शिकायतकर्ता थाना के प्रागंण में फोन में बात करते हुए घुमता हुआ दिखायी दिया था।

पूरे प्रकरण की जांच व सीसीटीवी कैमरो के अवलोकन व चिकित्सको के बयानो के आधार पर शिकायतकर्ता के साथ किसी प्रकार की मारपीट होने की पुष्टि नही हुई है।

अब यहां सवाल यह उठता है कि आखिर शिकायतकर्ता ने यदि कोई उसके साथ उत्पीड़न हुआ था तो उसने उच्च स्तर पर शिकायत करने में 10 दिन का समय क्यों लिया, क्या इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कोई षड्यंत्र रचा गया या फिर साजिश के तहत शिकायतकर्ता को मोहरा बनाकर सेलाकुई थाना अध्यक्ष व पुलिस टीम को बदनाम कर हटाने का प्रयास किया गया ताकि उस कुर्सी पर किसी चहते को बिठाया जा सके ,जबकि सेलाकुई थाना अध्यक्ष का पदभार उप निरीक्षक शैंकी कुमार ने जब से संभाला है तब से क्षेत्र में हुई बड़ी-छोटी घटनाओं का तुरंत खुलासा कर दोषियों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया और नशा वृत्ति लूट और चोरी की घटनाओं में भी कमी आई है क्षेत्र में अवैध कार्य करने वालों में खौफ का माहौल है और बेफिजूल की राजनीति चमकाने वाले छुट भैया नेता भी थाने के आसपास नजर नहीं आते। क्या इसकी भी जांच नहीं होनी चाहिए कि इस पूरे खेल का रचयिता कौन है।

लाइफस्टाइल

error: Content is protected !!