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बुरे फंसे बाबा रामदेव आई एम ए ने सीएम तीरथ सिंह से की बाबा रामदेव पर तत्काल कार्यवाही की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) उत्तरांचल स्टेट ब्रांच ने योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथिक मेडिकल प्रोफेशन और एलोपैथी चिकित्सा के खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर उत्तराखंड के सीएम को पत्र लिखा है. सीएम तीरथ सिंह रावत को लिखे गए पत्र में बाबा रामदेव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की उम्मीद जताई गई है. पत्र में कहा गया है कि बाबा रादमेव के अपमानजनक बयान ने कोरोना महामारी से मुकाबला कर रहे डॉक्टर्स के मनोबल को तोड़ने के साथ ही उनमें गुस्सा पैदा किया है, जो पूरी निष्ठा के साथ इस कठिन समय में काम कर रहे है।

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IMA ने लिखा है कि कोरोना की पहली लहर में 153 डॉक्टर्स की जान चली गई, जबकि दूसरी लहर में IMA ने 452 डॉक्टर्स को खोया है.
आईएमए उत्तरांचल की तरफ से लिखा गया है कि बाबा रामदेव के इस बयान को लेकर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. IMA उत्तरांचल के मुताबिक इस संबंध में एक पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को भी लिखा गया. केंद्रीय मंत्री ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा. आईएमए की स्टेट ब्रांच ने कहा कि हम बाबा रामदेव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद करते हैं.

रामदेव ने IMA से पूछे 25 सवाल

वहीं योग गुरु रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने हालिया बयान को वापस लेने के लिए मजबूर किए जाने के बाद सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से 25 सवाल पूछे. रामदेव ने आईएमए से जानना चाहा कि क्या एलोपैथी उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों से स्थायी राहत देती है? अपने ट्विटर एकाउंट पर ओपन लेटर जारी करते हुए रामदेव ने आईएमए से उनके 25 सवालों का जवाब देने को कहा. आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी, जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बकवास विज्ञान’ है और कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं.रामदेव ने यह भी पूछा कि क्या मेडिसन इंडस्ट्री के पास थायराइड, गठिया, अस्थमा और कोलाइटिस जैसी बीमारियों का स्थायी उपचार उपलब्ध है?

कोलेस्ट्रॉल से लेकर माइग्रेन तक पर सवाल

उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी में फैटी लीवर (बढ़ा हुआ यकृत) और लीवर सिरोसिस की दवाएं हैं? उन्होंने सवाल किया, जिस प्रकार आपने टीबी और चेचक का इलाज ढूंढ लिया है, उसी तरह लीवर की बीमारियों का भी इलाज ढूंढें . आखिरकार , एलोपैथी अब 200 साल पुरानी है. योग गुरु ने यह भी जानना चाहा कि क्या इस चिकित्सा पद्धति में दिल की रुकावट संबंधी परेशानियों का कोई गैर सर्जरी उपचार उपलब्ध है? उन्होंने पूछा, ”कोलेस्ट्रॉल का क्या इलाज है?” उन्होंने सवाल किया, ‘क्या फार्मा उद्योग के पास माइग्रेन का इलाज है?” योग गुरु ने तमाम बीमारियों जैसे पार्किंसन का नाम गिनाया और जानना चाहा कि क्या एलोपैथी बांझपन का बिना किसी दर्द के दलाज कर सकती है, क्या उसके पास बढ़ती उम्र को रोकने और हेमोग्लोबिन को बढ़ाने का कोई उपाय है.

रामदेव ने ले लिया था बयान वापस

उन्होंने कमेंट किया कि, अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है और सर्वगुण संपन्न है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिये गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को ”बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था, जिसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था.

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