देहरादून: एसटीएफ देहरादून ने अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार आरोपी वैभव गुप्ता सूद खान से पूछताछ की जा रही है।
कस्टमर केयर अधिकारी बनकर करते थे ठगी
डीआईजी एसटीएफ नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र में आरोपी अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे. ये लोग अमेरिका में रहने वाले लोगों के कंप्यूटर, लैपटॉप व अन्य डिवाइस की सर्विस करने के नाम पर ठगी करते थे.
दोनों आरोपी वैभव गुप्ता और सूद खान सॉफ्टवेयर कंपनियों के कस्टमर केयर अधिकारी बनकर उनसे बात करते थे.
इसके बाद लैपटॉप, कंप्यूटर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से उनके डाटा को चुरा लेते थे. फिर डिवाइस की मरम्मत के नाम पर 100 से लेकर $900 रुपये ऐंठ लिया करते थे.
करोड़ों की राशि हुई बरामद
एसटीएफ के मुताबिक, दोनों आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, एक कंप्यूटर, तीन हैंड फोन, वायरलेस राउटर, पेन ड्राइव व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. आरोपियों के खिलाफ थाना पटेल नगर में धारा 420, 120 बी 66, डी75 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपियों के बैंक अकाउंट में ₹1करोड़ 10 लाख की धनराशि बरामद हुई है.
एसटीएफ ने बताया कि आरोपियों ने देहरादून में ₹60 लाख का फ्लैट और 16 लाख की नई कार भी खरीदी है. जिस तरह से यह पूरा मामला सामने आया है अमेरिका के रॉयल क्रेडिट यूनियन और क्यूबिकल टेक्निकल सर्विस की भी संलिप्तता इसमें पाई गई है. इंटरपोल के माध्यम से पत्राचार किया जा रहा.
आरोपी वैभव गुप्ता बोलता है फर्राटेदार इंग्लिश
बता दें कि गिरफ्तार आरोपी वैभव गुप्ता फर्राटेदार इंग्लिश बोलता है. वह कस्टमर केयर अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी करता था. बताया गया है कि जिस तरह से कस्टमर केयर अधिकारी के नाम पर यह पूरा अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. उसकी गहनता से जांच की जा रही है.
एसटीएफ ने की अपील
एसजीएचपीएस स्पेशल टेक्निकल टीम में देहरादून में एडी बिल्डर्स के नाम एक प्रॉपर्टी ऑफिस का भी पता चला है. जिसके बारे में जांच की जा रही है कि आखिर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कौन करता था. आपको बता दें कि 6 महीने के अंदर उत्तराखंड एसटीएफ ने 3 बड़े फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया है. ऐसे में एसटीएफ ने आम लोगों से अपील की है कि लोगों को कस्टमर केयर अधिकारी के नंबर को भी बहुत सोच समझकर इस्तेमाल करने की जरूरत है।