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पुलिस उप महानिरीक्षक निरीक्षक गढ़वाल ने जारी की थी ट्रांसफर लिस्ट, देहरादून जिले के इंस्पेक्टर पहुंचे मंत्रियों की शरण में

देहरादून: पुलिस विभाग की ओर से हर साल कांस्टेबल से निरीक्षक तक इसलिए तबादले किए जाते हैं ताकि पर्वतीय जिलों में नौकरी करने वाले पुलिस जवानों को मैदान और मैदान में नौकरी करने वालों को पहाड़ में नौकरी करने का मौका मिल सके।

इसके लिए वाकायदा पुलिस विभाग की ओर से नियमावली बनाई गई है, लेकिन तबादलों पर राजनीति इतनी हावी हो जाती है कि तबादला सूची जारी होने के बावजूद ट्रांसफर नहीं हो पाते।

ऐसा ही निरीक्षकों के तबादलों में हुआ है। 22 जून को पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नग्नयाल की ओर से देहरादून व हरिद्वार जिले से सात निरीक्षकों के तबादले किए गए थे। इनमें देहरादून जिले से केसी भट्ट को चमोली, रवि सैनी को पौड़ी गढ़वाल, प्रदीप सिंह बिष्ट को उत्तरकाशी और रविंदर शाह को चमोली जबकि हरिद्वार जिले से चंद्र चंद्राकर नैथानी को रुद्रप्रयाग, कुंदन सिंह राणा को टिहरी गढ़वाल और महेश जोशी को रुद्रप्रयाग भेजा गया है।

तबादला लिस्ट जारी होने के बाद इंस्पेक्टरों में खलबली मच गई। बताया जा रहा है कि देहरादून जिले के इंस्पेक्टर मंत्रियों तक पहुंच गए और अपने तबादले रुकवा दिए। वहीं हरिद्वार जिले से ट्रांसफर हुए निरीक्षकों को रिलीव कर दिया गया है। ऐसे में तबादलों की नियमावली पर सवाल उठने लगे हैं कि जब आदेश पर अमल ही नहीं होना है तो ट्रांसफर क्यों किए जा रहे हैं।

डीआइजी गढ़वाल परिक्षेत्र की ओर से मई महीने में देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले के 131 दारोगा, 134 हेड कांस्टेबल और 1110 कांस्टेबलों के ट्रांसफर किए थे। इनमें से देहरादून जिले से दारोगा, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों को पहाड़ भेज दिया गया है, लेकिन अब तक पर्वतीय जिलों से पुलिसकर्मी रिलीव होकर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे।

वही इस बाबत पूछे जाने पर करन सिंह नगन्याल (पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र) ने कहा कि जिन निरीक्षकों के तबादले किए गए हैं, उनके तबादले कांवड़ तक रोके गए हैं। इसके बाद इन्हें रिलीव करने के निर्देश जारी किए जाएंगे।

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