विजिलेंस पर भ्रष्टाचार मिटाने की जिम्मेदारी है, वहां भी भ्रष्टाचार हो सकता है। कानून का दुरुपयोग और ब्लैकमेलिंग भी हो सकती है। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए विजिलेंस के भीतर इंटरनल विजिलेंस टीम का गठन होगा ताकि, विजिलेंस में तैनात अफसर और कर्मचारी भी भ्रष्टाचार से डरें।
विजिलेंस निदेशक एडीजी अमित सिन्हा ने बताया कि जल्द ही इंटरनल विजिलेंस टीम का गठन किया जाएगा। इसके अलावा उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वालों को सुरक्षा दी जाएगी। विजिलेंस ऐसे लोगों की सुरक्षा के लिए ठोस योजना बना रही है। इसके लिए भी इंटरनल कमेटी का गठन जल्द होगा, जो व्हिसिल ब्लोअर (भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले) के बीच जाकर उनकी मदद करेगी। कमेटी यह भी देखेगी कि उन्हें शिकायत के बाद कोई दिक्कत या कोई खतरा तो नहीं है। या फिर शिकायत के चलते उनके कामों को सरकारी विभाग बेवजह रोक तो नहीं रहे। अगर वो सरकारी कर्मचारी हैं तो उन्हें कोई परेशान तो नहीं कर रहा। इन सबकी रिपोर्ट समय-समय पर ली जाएगी।
विजिलेंस में जो अधिकारी या कर्मचारी हैं, वो भी भ्रष्टाचार कर सकते हैं। भ्रष्टाचार के कानूनों का डर दिखाकर ब्लैकमेलिंग भी कर सकते हैं। ऐसे में विजिलेंस की पारदर्शिता पर नजर रखने के लिए इंटरनल विजिलेंस का गठन किया जा रहा है। इससे विजिलेंस के अधिकारी कर्मचारियों में भी डर बना रहेगा कि उन पर भी किसी की नजर है।
-एडीजी अमित सिन्हा, निदेशक-विजिलेंस