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सरकारी अस्पताल में बच्चा बदलने के मामले में अस्पताल और महिला आशा के विरुद्ध कोर्ट ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश

विकासनगर-बच्चा बदलने जाने जैसी घटनाएं अक्सर बड़े शहरों और फिल्मों में देखने को मिलती हैं लेकिन ऐसा ही एक मामला विकास नगर से सामने आया है आपको बता दें कि गुलिस्ता नाम की महिला का आरोप है कि विकास नगर सरकारी अस्पताल में उसने एक बच्चे को जन्म दिया जोकि लड़का पैदा हुआ था लेकिन अस्पताल के स्टाफ और गांव की आशा के द्वारा उसका बच्चा बदलकर उसको लड़की दे दी गई जब गुलिस्ता और उसके पति ने इस बात का विरोध किया तो उनको अस्पताल के स्टाफ और आशा कार्यकत्री के द्वारा डराया धमकाया गया कि यदि उन्होंने ज्यादा विरोध किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर उन्हें जेल भिजवा दिया जाएगा और साथ ही 5 लाख रुपए जुर्माना भी वसूला जाएगा।गुलिस्तां ने माननीय सीजेएम न्यायालय में 11/6/22 को सरकारी अस्पताल विकासनगर में जन्में बच्चे को आशा अफ़रोज़ तथा सरकारी अस्पताल द्वारा बदले जानें को लेकर आला पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों को अर्जी देकर न्याय की मांग की थी कोई करवाई ना होने पर पीड़िता गुलिस्तां ने एक वाद 156/3 माननीय सीजेएम न्यायालय में दायर किया था अधिवक्ता इक़बाल अहमद तथा शाकिर हुसैन ने पीड़िता की ओर से वाद में बहस कर पीड़िता को न्याय दिलाने का कोर्ट से आग्रह किया था अधिवक्ताओं द्वारा की गई पैरवी के बाद विकासनगर के ग्राम पंचायत ढकरानी निवासी गुलिस्तां पत्नी फरासत द्वारा नवजात बच्चा बदले जाने को लेकर दायर 156/3 के वाद में माननीय न्यायालय सीजेएम कोर्ट ने एसएचओ विकासनगर को आशा अफ़रोज़ तथा अस्पताल के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करने का आदेश दिया है। माननीय न्यायालय ने एसएचओ विकासनगर को आरोपियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में यथाशीघ्र मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

पीड़िता के वकील इक़बाल अहमद ने बताया की पीड़िता बच्ची की जन्म तिथि से न्याय की गुहार लगा रही थी सुनवाई नहीं होने पर न्यायालय की शरण लेनी पड़ी हमने माननीय न्यायालय में दायर 156/3 वाद के ज़रिए माननीय न्यायालय से डी एन ए टैस्ट कराने तथा आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की प्रार्थना की थी माननीय न्यायलय ने हमारी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए एसएचओ विकासनगर को आरोपियों अफ़रोज़ तथा सरकारी अस्पताल विकासनगर के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया है। पीड़िता के अधिवक्ता इक़बाल अहमद के अनुसार पीड़िता, उसके पति तथा बच्ची का डी एन ए टैस्ट होने पर सच सामने आ सकता है।माननीय न्यायालय के आदेशानुसार पुलिस विवेचना करेगी जिस से उम्मीद है कि पीड़िता को अब इंसाफ मिल सकेगा।

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