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ऊर्जा निगम में वित्तीय संबंधित गड़बड़ियों का हुआ ऑडिट शुरू

देहरादून: दिल्ली की केजी सोमानी एंड कंपनी को आडिट का कार्य सौंपा गया है.इसके साथ ही प्रदेश के प्रमुख विद्युत वितरण खंड में लेखाकार तैनात कर दिए गए हैं. कंपनी की ओर से लेखाकार से तमाम जानकारी लेकर बैलेंस शीट की जांच की जाएगी. जांच के बाद रिपोर्ट ऊर्जा निगम मुख्यालय को सौंपी जाएगी।

गड़बडिय़ां उजागर, तो जागा निगम
ऊर्जा निगम की ओर से वार्षिक आडिट तो कराया जाता है, लेकिन इसमें केवल मुख्यालय स्तर पर ही बैलेंस शीट की जांच की जाती रही है. पिछले कुछ समय में सब स्टेशन और विद्युत वितरण खंड स्तर पर कुछ वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई, जिससे ऊर्जा निगम की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे. अब निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने विद्युत वितरण खंड स्तर पर त्रैमासिक आडिट की व्यवस्था की है, जिसका दायित्व दिल्ली की कंपनी को सौंपा गया है.

जिम्मेदारी की जाएगी तय
निदेशक वित्त नवीन कुमार गुप्ता ने बताया कि पूर्व में कई विद्युत वितरण खंड में अभियंताओं को ही वित्तीय लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी उठानी पड़ रही थी, जिससे विभिन्न कार्य भी प्रभावित हो रहे थे. अब प्रमुख विद्युत वितरण खंडों में लेखाकार की अस्थायी नियुक्त कर दी गई है, जिसके चलते कंपनी ने आडिट का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसमें वित्तीय गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित कार्मिक की जिम्मेदारी तय की जाएगी. साथ ही दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.

इन विद्युत वितरण खंड में हुई लेखाकार की तैनाती
राम नरेश उनियाल- उत्तरकाशी
भवान ङ्क्षसह ओली-चंपावत
अरङ्क्षवद रावत- रामनगर
किरन रावत-कोटद्वार
हेम चंद्र आर्य-भिकियासैंण
सहायक लेखाधिकारी
ईशा त्रिपाठी- ज्वालापुर

ऊर्जा निगम में हर साल आडिट होता है, लेकिन अब विद्युत वितरण खंड स्तर पर हर तीन माह में औचक आडिट किया जा रहा है, दिल्ली की कंपनी को यह कार्य सौंपा गया है. साथ ही लेखाकारों को भी अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है.
अनिल कुमार, एमडी, ऊर्जा निगम

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