विकासनगर: पछवादून क्षेत्र में खनन माफियाओं के द्वारा पुल नंबर 1 से जाने वाले यमुना नदी के रास्ते खुलेआम अवैध खनन का खेल चल रहा है जिस पर स्थानीय प्रशासन ने अपनी मौन सहमति दे दी है।
आपको बता दें कि विकासनगर क्षेत्र पुल नंबर 1 से लगती यमुना नदी में एक 20 बीघा भूमि पर खनन पट्टा आवंटित है लेकिन उस खनन पट्टे पर किसी प्रकार की खनिज सामग्री मौजूद नहीं है दिखाने के लिए यमुना नदी से लाकर चार पांच ट्रॉली खनिज सामग्री के अलग-अलग जगह ढेर लगा दिए गए हैं जिससे कि कहने को हो जाए इसी खनन सामग्री को उनके द्वारा पट्टे से बेचा जा रहा है इस पट्टे की आड़ में पट्टा स्वामी पूरी यमुना नदी में ट्रैक्टर ट्रॉली और डंपरो को भेज कर अवैध रूप से यमुना नदी से खनन सामग्री भरवा रहा है और अपने पट्टे से रमन्ना काटकर बेच रहा है यह रमन्ना ट्रैक्टर ट्रॉली और डंपरो को सिर्फ एक बार दिया जाता है इसी रमन्ने पर ट्रैक्टर ट्रॉली और डंपर सुबह से शाम तक कयीं चक्कर खनन सामग्री यमुना नदी से ढो रहे हैं जिसके बदले में पट्टा स्वामी वाहनो के प्रत्येक चक्कर के हिसाब से रमन्ने से आधी रकम उनसे वसूल रहा है और अपनी चांदी कूट रहा है। एक तो यमुना नदी से खनन सामग्री की चोरी और दूसरा एक रमन्ने पर कई चक्करो की निकासी से सरकार को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व में नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
पछवादून की यमुना नदी में संपदा की इतनी बड़ी लूट हो रही है और कमाल की बात है कि प्रशासन के द्वारा आंखें मूंद ली गई हैं नाही राजस्व विभाग और ना ही खनन विभाग ना ही वन विभाग और ना ही पुलिस प्रशासन यमुना नदी में हो रहे अवैध खनन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही करता नजर आ रहा है और ना ही शायद कोई कार्यवाही करने के लिए इच्छुक है बस सभी विभाग एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकते और अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं आखिर इस अवैध खनन के खेल को किस सफेदपोश राजनेता या किस उच्च अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है जो स्थानीय प्रशासन मौन अवस्था धारण किए हुए हैं। जब स्थानीय पुलिस के उच्च अधिकारी को इस प्रकरण पर जानकारी दी गई तो उनके द्वारा कहा गया कि पुलिस ने कोई अवैध खनन का ठेका ले रखा है खनन विभाग वालों से कहो कि हमसे पुलिस टीम की मांग करें तो हम पुलिस टीम के साथ भेज देंगे बाकी पुलिस को और भी काम है वहीं उप जिला अधिकारी महोदय ने तो कई बार फोन करने के बावजूद भी फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। खैर वजह चाहे जो भी हो लेकिन प्रदेश की संपदा खनन माफियाओं के हाथों लूट रही हैं।