सहसपुर-जहां एक और केंद्र सरकार और राज्य सरकार हरेला पर्व मना कर पेड़ लगाने की बातें करती हैं। वही विभागों में बैठे सरकारी नुमाइंदे यह सरकारी योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं।
आपको बता दें कि ऐसा ही एक ताजा मामला सहसपुर के छोटा रामपुर का सामने आया है जहां भू माफियाओं ने nh-72 से लगता हुआ हरा भरा आम के बगीचे के 10 से 12 वर्ष पुराने हरे-भरे सैकड़ों आम के पेड़ों को रात के अंधेरे में काट दिया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि भू माफियाओं ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर हरे भरे पेड़ों पर आरियां चला दी स्थानीय लोगों के विरोध के चलते रात के अंधेरे में कट रहे हरे भरे पेड़ो को रोक कर भाग गए मौके पर सैकड़ों हरे-भरे वृक्ष कटे पड़े हैं जिनको भू माफियाओं द्वारा स्थानीय ग्रामीणों की विरोध के चलते उठाया ना जा सका।
एनएच 72 पर इसी बगीचे के सैकड़ों पेड़ पूर्व में भी इन्हीं भू माफियाओं के द्वारा मिलीभगत कर काटकर इस भूमि पर अवैध रूप से प्लोटिंग कर बेच दिए गए थे संबंधित विभाग और स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही ना किए जाने के चलते इस भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि अब यह भू माफिया बाकी बचे सैकड़ों पेड़ों को काटकर अवैध रूप से कॉलोनी बनाकर अवैध प्लाटिंग को बेचकर अपना खजाना भरना चाहता है।
वही मौके पर पहुंचे उद्यान निरीक्षक सहसपुर जेडी वर्मा का कहना है कि लगभग 30 से अधिक पेड़ों को काटा गया है अब इस मामले में गोस्वामी पर एफ आई आर दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
वही सवाल खड़ा होता है कि इतने बड़े पैमाने पर हरे भरे आम के वृक्षों का कटान हो जाता है और स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग आखिर कहां सोया हुआ है क्यों कोई कार्यवाही इन भू माफियाओं और लकड़ी माफियाओं पर नहीं की जाती है संबंधित विभाग और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि इस पर सिर्फ जुर्म ना काटकर भूस्वामी पर मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त कार्यवाही करे।