विकासनगर: उत्तराखंड पुलिस को मित्र पुलिस की परिभाषा से सम्मानित किया जाता है क्योंकि उत्तराखंड की पुलिस सेवा की भावना से कार्य करती है जहां दोषियों के प्रति कठोर तो वही प्रदेश के असहाय पीड़ित लोगों के प्रति मित्र बनकर मददगार साबित होती है लेकिन मित्र पुलिस की छवि पर पलीता लगाते कुछ पुलिसकर्मी व पुलिस अधिकारीयों के कारनामे नजर आते रहते हैं।
आपको बता दें कि अयूब हसन विकासनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत ढकरानी के प्रधान पति होने के साथ-साथ कई सामाजिक संस्थाओं के साथ जुड़े हैं और सामाजिक कार्यकर्ता भी है अयूब हसन के द्वारा उपमहानिरीक्षक गढ़वाल/एसएसपी से शिकायत की गई है कि किसी मामले की जानकारी लेने के लिए जब वह हरबर्टपुर पुलिस चौकी में गए तब वहां चौकी प्रभारी मौजूद नहीं थे इस करके उन्होंने चौकी प्रभारी वैभव गुप्ता को अपने मोबाइल से फोन कर जानकारी लेनी चाही तो उल्टा चौकी प्रभारी वैभव गुप्ता के द्वारा जनप्रतिनिधि अयूब हसन के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धमकाया गया और एनकाउंटर में जान से मार देने की धमकी दी गई जिससे आहत होकर प्रधान पति अयूब हसन को मानसिक एस पहुंची और उनके और उनके परिवार में भय का माहौल व्याप्त है जिसको लेकर अयूब हसन ने एसएसपी/ उपमहानिरीक्षक गढ़वाल से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई और इस पूरे मामले पर उचित कार्यवाही करने को कहा जिस पर पुलिस के उच्च अधिकारियों के द्वारा मामले की जांच के आदेश दे दिए गए।
जनप्रतिनिधि अयूब हसन के द्वारा कहा गया कि यदि पुलिस के उच्च अधिकारी इस पूरे मामले पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं तो उनको माननीय न्यायालय में जाने से भी कोई गुरेज नहीं है क्योंकि चौकी प्रभारी वैभव गुप्ता के इस तरह के दुर्व्यवहार और धमकी से वह और उनका पूरा परिवार भय के माहौल में जी रहा है उनको यह खतरा बना हुआ है कि कहीं चौकी प्रभारी वैभव गुप्ता झूठे केस में ना फसा दे। अयूब हसन के द्वारा आरोप लगाया गया है कि चौकी प्रभारी वैभव गुप्ता जातिगत भावना से पुलिसिंग का कार्य कर रहे हैं।
आखिर एक चौकी प्रभारी किसी जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार और अभद्र भाषा का प्रयोग कैसे कर सकता है क्या कंधे पर लगे दो स्टारों का नशा किसी के दिमाग पर इतना भी चढ सकता है कि वह यह फर्क ही भूल जाए की अपराधी और जनप्रतिनिधि में क्या फर्क है क्या कोई पुलिस अधिकारी किसी को भी एनकाउंटर में मारने की धमकी दे सकता है आखिर यह कितना उचित है बाकि यह सब एक जांच का विषय है।