22 दिसंबर से चल रहा पुलिस मंथन सप्ताह रविवार को संपन्न हो गया। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस मंथन में पुलिस कल्याण के लिए कई फैसले लिए गए हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण और स्मार्ट काम के लिए भी विभिन्न प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। कार्यक्रम में सरकार ने पूरा सहयोग किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
पुराने पुलिसकर्मियों में कंप्यूटर का डर
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुराने पुलिसकर्मियों और अधिकारियों में कंप्यूटर का डर बैठा हुआ है। यह बात पुलिसकर्मियों के साथ संवाद के दौरान सामने आई है। मौजूदा समय में पुलिस का लगभग सारा काम स्मार्ट तरीके से मोबाइल एप और कंप्यूटर पर होता है। ऐसे में इन पुलिसकर्मियों को जानकारी न होने के कारण काम पिछड़ जाता है। लिहाजा, नए अधिकारियों से पुराने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है। पुलिसकर्मियों के लिए वार्षिक हेल्थ चेकअप कैंप आयोजित करने और स्ट्रेस मैनेजमेंट के अधिक से अधिक जागरूकता सत्र चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिसकर्मियों को मिलेगी पैरामेडिकल की ट्रेनिंग
पुलिस की सभी विंग फायर, एसडीआरएफ और यातायात में तैनात पुलिसकर्मी एक्सीडेंट या किसी अन्य हादसे के वक्त लोगों की जान बचा सकते हैं। गोल्डन ऑवर में यदि प्राथमिक उपचार मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है। इसके लिए पुलिसकर्मियों को पैरामेडिकल ट्रेनिंग दी जाएगी।
रेलवे स्टेशन सीसीटीवी से कवर होंगे
डीजीपी ने जीआरपी को निर्देशित किया है कि रेलवे के साथ समन्वय स्थापित कर सभी रेलवे स्टेशनों को सीसीटीवी से कवर किया जाए। वर्तमान में साल में पत्थरबाजी की चार से पांच घटनाएं हो जाती हैं। इन घटनाओं को शून्य पर लाना है।
ये भी लिए गए निर्णय
1. रोडवेज बसों में पुलिसकर्मियों के लिए मुफ्त यात्रा का मासिक पास दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
2. पुलिस लाइन/विधानसभा/राजभवन पर पीएसी के लिए टेंट के स्थान पर प्री-फेब्रिकेटेड हट की व्यवस्था होगी।
3. डायल 112 पर झूठी सूचना देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 2019 से अब तक 90 लाख कॉल आई हैं।
4. ट्रैफिक नियंत्रण, चारधाम यात्रा, आपदा प्रबंधन में ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा।
5. छात्रों को पुलिस लाइन देहरादून में एक सप्ताह का आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया।
पुलिस में फैक्स अब बीते जमाने की बात
पुलिस के कामकाज में शनिवार से फैक्स की व्यवस्था खत्म कर दी गई। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कई अन्य सेवाएं हैं। इनमें ई-मेल, व्हॉट्सएप समेत कई ऐसे माध्यम हैं, जिनसे सूचनाएं फैक्स से जल्दी पहुंच जाती हैं। ऐसे में फैक्स को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। जहां भी फैक्स मशीनें रखी हैं, तत्काल हटा लिया जाएगा।