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वन क्षेत्रों के बाद अब शहरी क्षेत्रों से अवैध धार्मिक अतिक्रमण को हटाने की तैयारी

देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में अवैध मजारों और धार्मिक निर्माण पर चिन्हीकरण का काम पूरा हो चुका है. यही नहीं कई मजारें ध्वस्त भी की जा चुकी हैं. कई अवैध निर्माण नोटिस की जद में हैं. अब अगले चरण में शहरी क्षेत्र के अवैध धार्मिक निर्माण को लेकर कार्रवाई शुरू की जा रही है. जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री की सोमवार को होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये करेंगे.

प्रदेश भर में अवैध धार्मिक निर्माण पर सरकार का बुलडोजर कहर ढा रहा है. राज्य सरकार की तरफ से नोडल अधिकारी के नेतृत्व में राज्य भर के जंगलों में बनी अवैध मजारों और धार्मिक निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है. खास बात यह है कि अब जंगलों में करीब-करीब यह कार्रवाई समाप्ति की तरफ है. इसके बाद शहरी क्षेत्रों के अवैध निर्माण को हटाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. बता दें राज्य भर में अब तक 409 अवैध मजारों को हटाया जा चुका है. इसके अलावा 41 ऐसे मंदिर थे जो जंगलों में सरकारी जमीन पर बने हुए थे. उन पर भी कार्रवाई की गई है. कुल मिलाकर राज्य के जंगलों में अब तक 274 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है.

वन क्षेत्रों में अधिकतर अवैध धार्मिक निर्माणों को चिन्हित किया जा चुका है. उन पर कार्रवाई भी की जा रही है. ऐसे में अब इस अभियान को अगले चरण की तरफ ले जाने के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है. सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के जिलाधिकारियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से अतिक्रमण के संदर्भ में बात करने और दूसरे चरण के अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं.

अगले चरण में राज्य के शहरी क्षेत्रों को लिया जा रहा है. नगर निगम, जिला प्रशासन, पीडब्ल्यूडी और तमाम दूसरे विभाग भी सरकारी भूमि पर हुए कब्जों का चिन्हीकरण किया जाएगा. इस दौरान सरकारी जमीनों पर बने अवैध धार्मिक निर्माण पर बुलडोजर चलाया जाना तय है. फिलहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी सोमवार को लेने वाले हैं. जिसकी पूरी जानकारी नोडल अधिकारी डॉ पराग मधुकर धकाते की तरफ से दी जाएगी.

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