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वन निगम के पट्टे से नियमों को ताक पर रखकर 20 फीट गहराई तक किया जा रहा खनन कार्य

सेलाकुई सारना नदी में एक वन निगम का खनन पट्टा संचालित है जिसको निगम कर्मियों द्वारा संचालित किया जा रहा है उक्त खनन पट्टे को ऐसे भी कह सकते हैं कि खनन माफिया के हवाले कर दिया गया है जहां से खनन माफिया सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर पट्टे से खनन कार्य कर रहे हैं सरना नदी में आवंटित इस खनन पट्टे में खनन माफिया के ट्रैक्टर ट्रॉली ओवरलोड भरकर निकल रहे हैं जिनको बिना तोल कांटे और बिना रावन्ना काटे ही सीधा नदी से रवाना कर दिया जा रहा है मतलब सीधा नदी में खुदाई कर अपने ट्रैक्टर ट्राली भरो और निकल जाओ और उन ट्रैक्टर ट्रालीयों को कोई रोकने टोकने वाला नहीं है सूत्रों की अगर माने तो एक ट्रैक्टर ट्राली मात्र एक रावन्ना कटवा कर चार से 6 चक्कर फालतू लगता है जिसकी एवेज में सुविधा शुल्क के रूप में कुछ रकम वहां पर तैनात निगम कर्मियों को अदा करता है जिससे सरकार के राजस्व में भारी हानि पहुंचकर खनन माफिया और निगम कर्मी अपनी चांदी कूट रहे हैं।

यदि खनन विभाग की टीम उक्त निगम के खनन पट्टे पर निरीक्षण को पहुंच जाए तो दिखेगा कि नदी को बड़े-बड़े 15 से 20 फीट तक के गड्ढे में तब्दील कर दिया गया है खनन माफियाओं के ट्रैक्टर ट्रॉली उक्त खनन पट्टे में 15 से 20 फीट तक आवैध रूप से खुदाई कर खनन कार्य को अंजाम दे रहे हैं जबकि नियम यह है कि डेढ़ मीटर से अधिक नदी से खनन कार्य नहीं किया जा सकता लेकिन सभी संबंधित विभाग ,तहसील प्रशासन, खनन विभाग ,जंगलात विभाग, पुलिस प्रशासन सब के सब मूकदर्शक बने बैठे हैं या यूं कहें सबको सुविधा शुल्क के रूप में अपना अपना हिस्सा प्राप्त हो रहा है। अब ऐसे में किसी प्रकार की कार्यवाही की उम्मीद किससे की जा सकती है।

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