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भूमाफियाओं ने आम के बगीचे में ही कर डाली अवैध प्लाटिंग, आम के हरे भरे पेड़ों पर भी चलाई आरियां

विकासनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत आजकल भू माफिया बेहद ही सक्रिय है। मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में आम के हरे-भरे बगीचों को कटवा कर अवैध रूप से प्लाटिंग कर रहे हैं ऐसा ही एक मामला हरबर्टपुर के जीआईसी स्कूल के पीछे एक 10 से 15 बीघा आम के बगीचे मैं अवैध प्लाटिंग का सामने आया है।

आपको बता दें कि भू माफिया होने हरबर्टपुर में जीआईसी स्कूल के पीछे लगभग 10 से 15 बीघा आम का बगीचा खरीदा है जिसमें भूमाफियाओं ने आम के बगीचे में खड़े हरे भरे फलदार वृक्षों के बीच ही आवैध प्लाटिंग कर डाली जिसमें प्लाटिंग के लिए रास्ता निकाला गया है उस रास्ते में पड़ने वाले 15 से 20 पेड़ों का सफाया कर दिया गया है और बगीचे में प्लाटिंग के अंदर भी लगभग 10 से 12 पेड़ों का अवैध रूप से कटान कर दिया गया है जिसकी वहां मौजूद जड़ें इस बात की गवाही दे रही हैं, अभी भी बगीचे में लगभग 55 से 60 पेड़ खड़े हैं जिनको जल्द ही भूमाफियाओं के द्वारा कटवा दिया जाएगा। भूमाफिया लकड़ी माफिया से मिलकर बाग में हरे-भरे पेड़ों को धीरे-धीरे कटवा रहा है जिससे किसी को भी इस बात की भनक न लगे कि यहां पर कोई आम का हरा भरा बाग भी हुआ करता था जहां तक जानकारी मिली है भूमाफियाओं के द्वारा बगीचे में की गई अवैध प्लाटिंग के प्लॉट ग्राहकों को बेच दिए गए हैं अब सिर्फ इंतजार इस बात का है कि बाग में हरे-भरे पेड़ों को जल्द से जल्द कटवा दिया जाए फिर वहां कंक्रीट के जंगल खड़े कर दिए जाएंगे।जबकि इन भूमाफिया के पास ना तो कोई कॉलोनाइजर का लाइसेंस प्राप्त है और ना ही इस अवैध प्लाटिंग का कोई एमडीडीए से नक्शा पास कराया गया है भूमाफिया चुपचाप धीरे-धीरे बगीचे से आम के हरे-भरे पेड़ों को कटवा कर आवैध प्लाटिंग के सारे प्लाटों को बेचकर मोटा मुनाफा कमा कर रफू चक्कर होने के फिराक में है।अब देखना यह होगा कि उद्यान विभाग राजस्व विभाग और एमडीडीए इस बात को कितनी गंभीरता से संज्ञान में लेता है और कितनी कठोर कार्यवाही इस प्रकरण पर करता है।

भूमाफियाओं के द्वारा इतना बड़ा खेल पच्छवादून क्षेत्र में चल रहा है ऐसा हो नहीं सकता कि इतना बड़ा खेल बिना विभाग की मिली भगत के हो रहा हो आखिर उक्त बगीचे में अवैध प्लाटिंग कर प्लाटों की रजिस्ट्री कैसे हो गई जबकि प्लॉट की रजिस्ट्री में एक लाइन यह भी उल्लेखित होती है कि उक्त स्थान पर कोई फलदार वृक्ष नहीं है दूसरा बगीचे से हरे भरे पेड़ों को अवैध रूप से काटा जा रहा है और उद्यान विभाग को इसका संज्ञान भी नहीं है वही एमडीडीए विभाग के तैनात अधिकारी व कर्मचारियों को इस बात की भी भनक तक नहीं लगी कि आम के बगीचे में हरे भरे पेड़ों के बीच आवैध प्लाटिंग कर प्लाटों को आवैध तरीके से बेच दिया जाता है इन सब बातों का मूल्यांकन करें तो संबंधित विभागों पर एक सवालिया निशान खड़ा होता है।

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